भारत का इतिहास

बुधवार, नवंबर 04, 2015

जैसलमेर क़िला

जैसलमेर क़िला  

जैसलमेर का क़िला, जैसलमेर
  • बारहवीं सदीं में सुनहरे पत्थरों से बना यह क़िला राजस्थान में दूसरा सबसे पुराना क़िला है और बड़ी संख्या में देशी विदेशी पर्यटक इसे देखने आते हैं।
  • जैसलमेर के प्रमुख ऐतिहासिक स्मारकों में सर्वप्रमुख यहाँ का क़िला है। जैसलमेर का क़िला 1156 ई. में निर्मित हुआ था।
  • जैसलमेर के क़िला स्थापत्य का सुंदर नमूना है। इसमें बारह सौ घर हैं।
  • जैसलमेर क़िले की अपनी ख़ासियत है, ढाई सौ फुट की ऊँचाई वाला यह क़िला तीस फुट ऊँची प्राचीरों से घिरा हुआ है।
  • ग़ौरतलब बात ये है कि जैसलमेर की पूरी आबादी इसी क़िले की चहारदीवारी के अंदर ही बसी हैं।[1]

विशेषता

जैसलमेर के क़िले का निर्माण 1156 में किया गया था और यह राजस्‍थान का दूसरा सबसे पुराना राज्‍य है। ढाई सौ फीट ऊंचा और सेंट स्‍टोन के विशाल खण्‍डों से निर्मित 30 फीट ऊंची दीवार वाले इस किले में 99 प्राचीर हैं, जिनमें से 92 का निर्माण 1633 और 1647 के बीच कराया गया था। इस किले के अंदर मौजूद कुंए पानी का निरंतर स्रोत प्रदान करते हैं। रावल जैसल द्वारा निर्मित यह क़िला जो 80 मीटर ऊंची त्रिकूट पहाड़ी पर स्थित है, इसमें महलों की बाहरी दीवारें, घर और मंदिर कोमल पीले सेंट स्‍टोन से बने हैं। इसकी संकरी गलियां और चार विशाल प्रवेश द्वार है जिनमें से अंतिम एक द्वार मुख्‍य चौक की ओर जाता है जिस पर महाराज का पुराना महल है। इस कस्‍बे की लगभग एक चौथाई आबादी इसी क़िले के अंदर रहती है। यहां गणेश पोल, सूरज पोल, भूत पोल और हवा पोल के जरिए पहुंचा जा सकता है। यहां अनेक सुंदर हवेलियां और जैन मंदिरों के समूह हैं जो 12वीं से 15वीं शताब्‍दी के बीच बनाए गए थे।

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