भारत का इतिहास

सोमवार, दिसंबर 07, 2015

भारतीय महिला बैंक

भारतीय महिला बैंक  

भारतीय महिला बैंक
भारतीय महिला बैंक
विवरण'भारतीय महिला बैंक' भारत का पहला महिला बैंक है, जिसमें सिर्फ़ महिला कर्मचारी ही कार्यरत हैं। यही नहीं बैंक में ग्राहक भी मात्र महिलाएँ ही हैं।
शुरुआत19 नवम्बर2013
उद्घाटनकर्ताडॉ. मनमोहन सिंह
उद्घाटन स्थलनरीमन पॉइंटमुम्बई
प्रथम अध्यक्षउषा अनंतसुब्रमण्यम
मुख्यालयदिल्ली
विशेषइसे संयोग ही कहा जायेगा कि भारतके पहले महिला बैंक का उद्घाटन पूर्वप्रधानमंत्री दिवंगत इंदिरा गांधी की 96वीं जयंती के अवसर पर हुआ।
अन्य जानकारीभारत सरकार ने वित्त वर्ष 2013 के दौरान फ़रवरी में वार्षिक बजट पेश करने के दौरान यह बैंक शुरू करने की घोषणा की थी।
बाहरी कड़ियाँआधिकारिक वेबसाइट
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भारतीय महिला बैंक (अंग्रेज़ीBharatiya Mahila Bankभारत का पहला महिला बैंक है। इस बैंक की विशेषता यह है कि इसमें सभी कर्मचारी महिलाएं है और ग्राहक भी महिलाएँ ही होती हैं। महिलाओं को अपने मनपसंद घरेलू कामों के साथ-साथ छोटे-मोटे कारोबार के लिए कर्ज मिल सकेगा। बैंक का मुख्यालय दिल्ली में है।

शुरुआत

देश की आधी आबादी को विशेष बैंकिंग सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से ही भारत का पहला महिला बैंक 'भारतीय महिला बैंक' शुरू हुआ। उल्लेखनीय है कि देश की 75 फीसदी महिलाओं का कोई बैंक खाता ही नहीं है। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुंबई के नरीमन पॉइंट स्थित 'भारतीय वायुसेना भवन' में देश के पहले महिला बैंक का उद्घाटन 19 नवम्बर2013 को किया। इस अवसर परसंयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मौजूद थीं। संयोग से देश के पहले महिला बैंक का उद्घाटन पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत इंदिरा गांधी की 96वीं जयंती के अवसर पर हुआ।[1]
भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2013 के दौरान फ़रवरी में वार्षिक बजट पेश करने के दौरान यह बैंक शुरू करने की घोषणा की थी। तब केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने संसद में कहा था कि 'भारतीय महिला बैंक' एक सार्वभौमिक बैंक होगा, तथा सार्वजनिक एवं निजी बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली समस्त सेवाएं प्रदान करेगा।"

शाखाएँ

पूरे देश में इस महिला बैंक की सात शाखाएं काम करती हैं। ये शाखाएँ- मुंबईबंगलुरूकोलकाताचेन्नईअहमदाबादलखनऊ औरगुवाहाटी में हैं। मुम्बई से बैंक की छ: अन्य शाखाओं का उद्घाटन डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए किया गया। बैंक की चार नई शाखाएँ 'अगरतला' (त्रिपुरा), 'शिलांग' (मेघालय), 'गंगटोक' (सिक्किम) और 'ईटानगर' (अरुणाचल प्रदेश) में मौजूदा कारोबारी साल (2013-14) में खुलेंगी।[2] इस अवसर पर मनमोहन सिंह ने कहा, "शुरुआत में बैंक की सात शाखाएं काम करेंगी, जिनकी संख्या अगले वर्ष मार्च तक 25 कर दी जाएगी। बैंक देश के नगरीय और ग्रामीण दोनों इलाकों पर अपना ध्यान केंद्रित करेगा।" उन्होंने आगे कहा, "महिला उद्योगपतियों को ध्यान में रखते हुए यह बैंक विशेष योजनाएं पेश करेगा। जिन लोगों को शुरूआत में इस बैंक की जिम्मेदारी दी जाएगी, उनके लिए इस बैंक का विकास करना चुनौतीपूर्ण होगा।"

प्रथम अध्यक्ष

'पंजाब नेशनल बैंक' की कार्यकारी निदेशक रह चुकी उषा अनंतसुब्रमण्यम को बैंक का प्रथम अध्यक्ष बनाया गया। इनका कहना था कि इस बैंक में महिलाओं को किचन बनाने के लिए कर्ज मिल सकेगा। साथ ही डे केयर बनाने के लिए भी कर्ज मिलेगा। बैंक में आरडी में इंश्योरेंस प्रोडक्ट जुड़ा होगा। बैंक प्राथमिक तौर पर महिलाओं के लिए काम करेगा, लेकिन पुरुषों से भी धन जमा कराएगा।

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